yaaran-da-tussion
In celebration of the spirit of Friendship and Life....
Sunday, March 20, 2011
मिजाज़
मिजाज़ हि अलग है तेरे कदरदान का!
तू सोचता है उसकी, उसके ज़हन में जहान था
मिजाज़ हि अलग है मेरे कदरदान का!
सिलसिला अंजाम पर, उसे आगाज़ का गुमान था
गुमान - शक
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